मार्क ज़ुकेरबर्ग, एक जीनियस का सफर
दोस्तों आज हम जिस जीनियस के बारे में बात करने वाले हैं उनका नाम है मार्क ज़ुकेरबर्ग जो Facebook के सह-संस्थापक है। दोस्तों फेसबुक को तो आज हर कोई जानता है। फेसबुक आज हर किसी के फोन में होती है। आज मार्क की नेटवर्थ 59.4B बिलियन डॉलर है।आपको जानकर हैरानी होगी की फेसबुक के आज इतने यूज़र्स हैं कि अगर ये एक देश होता तो पॉपुलेशन के हिसाब से ये दुनिया का 3 सबसे बड़ा देश होना था। तो चलिए जानते है ये अद्भुत कारनामा करने वाले मार्क ज़ुकेरबर्ग की पूरी कहानी।
बचपन
इस कहानी की शुरुआत होती है 14 मई 1984 को जब न्यू यॉर्क के व्हाइट प्लैन्स नाम की जगह में मार्क एलियट ज़ुकेरबर्ग का जन्म हुआ। मार्क को बचपन से ही कंप्यूटर का बहुत शौक था। जिसकी वजह से ही वे कंप्यूटर के प्रोग्राम लिखने लगे थे। उनके पिता उन्हें प्रोग्रामिंग में बहुत मदद करते थे। मार्क का दिमाग इतना तेज था कि उनके पिता भी उनके प्रश्नों के उत्तर नही दे पाते थे इसके कारण उनके पिता ने उन्हें एक कंप्यूटर का टीचर रखा। मार्क के बुद्धि का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते थे कि वो छोटी सी उम्र में अपने टीचर को भी फैल कर देते थे। मार्क ने 12 साल की उम्र में अपने पिता के लिए एक प्रोग्राम बनाया, जिसका नाम उन्होंने zucknet रखा जो उनके पिता के क्लिनिक में प्रयोग होता था। आपको जानकर हैरानी होगी कि जो उम्र बच्चों के गेम खेलने की होती है मार्क उस उम्र में गेम बना लेते थे। बाद में मार्क ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया वहां पर भी वे बेहद इंटेलीजेंट स्टूडेंट थे। उनकी प्रोग्रामिंग को देखते हुए उन्हें प्रोग्रामिंग एक्सपर्ट भी कहा जाता था।
फेसबुक की शुरुआत
कॉलेज के दिनों में उनके एक फेसबुक नाम की एक बुक हुआ करते थी। जिसमें कॉलेज के स्टूडेंट्स के फोटो और उनकी डिटेल हुआ करती थी। इससे आईडिया लेकर मार्क ने facemash नाम की एक वेबसाइट बनाई इसमें कॉलेज के लड़के और लड़की की तुलना की जाती थी की उसमे ज्यादा खूबसूरत कौन है। सबसे मज़ेदार बात इसमें यह थी की इस वेबसाइट के लिए लड़कियों की फोटो इकठा करने के लिए मार्क ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक की थी। जो उस समय की सबसे स्ट्रांग वेबसाइट मानी जाती थी। आगे चलकर मार्क ने thefacebook नाम की एक वेबसाइट बनाई , जो धीरे-2 फेमस होने लगी। उसके बाद मार्क ने डिसाइड किया कि thefacebook का प्रयोग अब सिर्फ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ही नही बल्कि पूरी दुनिया कर सके। इस तरह मार्क ने कॉलेज को बीच में छोड़ कर पूरी मेहनत के साथ फेसबुक पर ध्यान दिया। 2005 में thefacebook का नाम बदलकर facebook रख दिया। 2007 तक facebook पर लाखों प्रोफाइल बन चुकी थी। अब वो समय आ गया था जब फेसबुक पूरी दुनिया पर राज करने वाली थी। 2011 तक यह इन्टरनेट की दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट बन चुकी थी। मार्क दुनिया के सबसे यंगेस्ट billionaire बने थे।
सम्मान और पुरस्कार
2010 को टाइम मैगज़ीन ने मार्क को पर्सन ऑफ़ द ईयर चुना।
2017 को मार्क को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि मिली।
दिसम्बर 2017 को मार्क ज़ुकेरबर्ग को Misinformer of the year अवॉर्ड मिला।
दोस्तों ये था मार्क का प्रेरणादायक जीवन जो हमें एक नई एनर्जी देता है
Written by Khube Ram